तै जित सब जहन के दिल ला सबके दुःख ला सबके दरद ला सबके भूख ला सबके पीरा ला सब्बो के तकलीफ ला सहिके बता तब अपन आप ला मनखे कई आज के समाज में बोलना बड़ा सस्ता हे संगवारी फेर करके देखना कठिन हे कबर की मनखे बड़ स्वारथी हवे अपन स्वारथ बार जियत हवे मनखे कंहा जावत हे ओला खुद पता निहे फेर रेंगत हवे टुन्गुर टुन्गुर दुनिया के चकल्लस म इही दुनिया म मनखे रहिथे यशवंत तिवारी ओखर कहिना अतके हावे की जी जरुर फेर अपन बर नहीं अपन आस पास के दरद बर सबके दुःख बर सबके भूख बर सबके पीरा ला पी तेखर बाद मनखे बरोबर जी ये बात ला उही कही सकत हे जेन ह वास्तव म मनखे हरय ।
धन्यवाद्
संजू जी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
जियत जरुर फेर अपन बर नहीं अपन आस पास के दरद बर सबके दुःख बर सबके भूख बर सबके पीरा ला पियेव तेखर बाद मनखे बरोबर लिखेव ये बात ला महि कही सकत हव काबर महू मनखे हरव ।
ReplyDeleteशुभकामनाएं
ReplyDeletebane kahes ga dau.... mankhe swarthi nai hotis tau fer mankhe kahilatis kabar... bata bhalaa....
ReplyDeletekhair.... ye charcha ha abbad lamba chalay wale charcha hare....
bane lagis chhattisgarhi maa ek blog ma likhe dekh ke
hindi me kahanv to...
shubhkamnao k sath swagat hai hindi blog jagat par...
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDelete